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आग बनाने की विधि
आग बनाने की विधि
~ऋचा नागर(2017)
चिकने सपाट
सफ़ों से
बर्फ़ीली
रातों में
आग नहीं
बना करती—
देर तक आग
टिकाने के लिए
ढूँढ़ो कोई
खुरदुरा बासी–सा
खूब जिया हुआ
काग़ज़—
ज़िन्दगी की
तमाम इबारतों
के गहने पहने
उन पन्नों को
ज़रा मरोड़ो
हलके से
बनाओ उनकी सेज
सजाओ
उनपर
सूखी भरोसेमंद
लकड़ियों का
तिकोना—
और तीली से निकली चिंगारी
चले तले से
कि लपट की
शुरूआत की
ख़बर न हो
किसी को कानोकान
और फेफड़ों में हो दम
फूंक मारने का
तब तक
जब तक लकड़ी
का हर टुकड़ा
लौ न पकड़ ले
और लाल–पीली–काली
लपटों में
उतर न आये
वो गहरी नीलिमा–
जो रोक सके
आग
हर उस धधकते
कलेजे में
जो बर्फ़ीली रातों के
वारों से
भयभीत होकर
काँपता है।